- अनुक्रमः
- सम्प्लवः
- प्रथम आर्वतः
- अवगाहनम्
- जीवनवने
- अभीप्सा
- संसारे
- धराशिशुनर्तनम्
- छन्द:
- शब्द:
- द्वितीय आर्वतः
- प्रश्नविवर्ताः
- पत्रमञ्जूषा
- तमसातीरे
- किम्?
- कथं नु?
- संयोग:
- शुनो लाङ्गूलम्
- हंस:
- मयूरान्योक्ती
- चञ्चा
- वृथापुष्टविलसितम्
- नगरे सिंह:
- नगरे गाव:
- नगरे वृषभ:
- नगरे गृध्रा:
- नगरे महिष्य:
- नगरे शूकरा:
- बहुगुणकाव्यम्
- तृतीय आर्वतः
- गलज्जलम्
- वर्तमानेऽस्मिन्
- नेत:!
- दूर्वा
- हिमानीहतं जगत्
- दुर्द्रिनम्
- तर्जनी
- अङ्गुष्ठकम्
- शब्दकल्पद्रुमे
- चुल्लिका
- कया वाचा?
- ते द्वारम्
- भोपाले केरला:
- चतुर्थ आर्वतः
- सुषमासंवलनम्
- केरलेषु भोपालम्
- उत्तराञ्चलम्
- आल्प्सपर्वते मेघदूतम्
- माण्डवम्
- छायातपम्
- नवा न वा?
- रङ्कव:
- युग्मकम्
- अयि ग्रावन्
- रसवती
- कृष्टि:
- मदनदहनम्
- जीवनकाव्यम्
- परन्तुकम्।
- पञ्चम आर्वतः
- दण्डकारण्यम्
- विन्ध्याचलदण्डकम्
- हरिद्वारम्
- मसूरी
- षष्ठ आवर्तः
- गद्यवीथी
- उपशारदाविवाहम्
- अनुशारदाविवाहम्